Sunday 25 February 2018


हमारा समाज भी ना , दिग्भ्रमित हो चुका है।

हज़ारो करोड़ के लोन से उद्योग लगाए हैं
क्या हुआ गर बैंक के पैसे नहीं लौटाए हैं  ?
पर ये बैंक उद्योगपति से क्यों वापस मांगते  है ?
क्या बड़े लोगों से उसके रिश्ते को नहीं जानते  है ?
बैंक पहले ये देखे कि किसान ने 50 हज़ार नहीं लौटाए हैं
और इस बार 2  प्रतिशत लोग कार लोन की किश्त नहीं भर पाए हैं
उद्योगपति बेचारा तो देश तक छोड़ चुका है
हमारा समाज भी ना , दिग्भ्रमित हो चुका है।





No comments:

Post a Comment