Monday 24 December 2018

एक प्रचंड मोटिवेटेड आदमी


कल एक प्रचंड मोटिवेटेड दोस्त मिल गया।  पहले - पहल तो मैं देखकर पहचान ही नहीं पाया।  पिछली बार जब इससे मिला तो यह एक अलग ही आदमी था। कॉलेज में मेरा जूनियर हुआ करता था। मेहनती , यथार्थवादी , जीवन और संसार के लिए सकारात्मकता और लोगों के लिए सम्मान से भरा हुआ. मुझे बहुत पसंद करता था और मुझे भी बहुत पसंद था।  हम जब भी मिलते एक दूसरे का हाल चाल-लेते और फिर समय काटने के लिए खेल , राजनीति , फिल्मों , भविष्य आदि की चर्चा किया करते थे।

इस बार उसका रुबाब ही अलग। फुदकता हुआ सा आया और औपचारिकता में जल्दी-जल्दी मेरा हाल चाल पूछा।  फिर मेरे पूछने से पहले ही अपनी 'प्रोग्रेस' के बारे में विस्तार से बताने लगा (यों मुझे उसकी प्रोग्रेस इतनी बढ़ा चढ़ा कर बताने लायक लगी नहीं थी)। बीच-बीच में गाहे बगाहे विदेशी कलाकारों के एक्सेंट में "हा - हा" करके हंस देता। जैसे-जैसे बातें आगे बढ़ीं , मैंने गौर किया  100 - 200 शब्दों के बाद कोई उधार की सूक्ति बोल देता। इसके अलावा मैंने उसकी आँखों में अपने लिए उपेक्षा का भाव भी साफ़ देखा।  बात से बात निकलती गयी और सहपाठियों की बातें होने लगीं।  जैसे ही मैं किसी के बारे में कुछ कहता , प्रचंड मोटिवेटेड उसको अपने वन-लाइनर से हेय साबित कर देता , जैसे

मैं - अरे पता है , वो तुम्हारे सेमेस्टर में पढ़ने वाला अजय फलानी कंपनी में GM है , मेरे ऑफिस की बिल्डिंग में ही उसका ऑफिस है।  मिलता रहता है।
प्र.मो. - हाँ लेकिन परिवार के लिए ज़रा भी समय नहीं उसके पास , नो टाइम मैनेजमेंट , सैड ! हाँ तो मैं बता रहा था कि रेंज रोवर का नया मॉडल देखा आपने ? क्या कार है भाई साहब !

मैं  -  और वह सतीश ने अपना स्टार्ट अप डाल दिया , उसके लिंक्डइन पर अपडेट देखा।
प्र.मो. - हाँ , शुरू तो कर दिया लेकिन बहुत पुराना सा कॉन्सेप्ट है , फंडिंग कहीं से मिल नहीं पाएगी 'इवेंचुअल्ली' बंद करना पड़ेगा। हाँ तो मैं बता रहा था कि पेरिस वकेशन के लिए बहुत अच्छी जगह है , सोच लिया है कि जल्दी ही जाऊंगा वहां। 

ऐसे ही दो चार और दोस्तों की बात हुयी और उनकी सफलता को वह अपनी 'लेकिन' की तलवार से काटकर अपनी कोई बचकानी बात शुरू कर देता , मुझे इतने बड़े आदमी के साथ खड़े होने में भी शर्म आयी।  क्या पता अभी बोले - "क्या यार तुम अभी तक इतनी अदनी सी नौकरी कर रहे हो और इतनी घटिया गाड़ी चलाते हो या इतने सस्ते ब्रांड की सिगरेट फूंकते हो या इतनी छोटी सोसाइटी में रहते हो।"  मैं चुपचाप बहाना बनाकर निकलने ही लगा था की प्रचंड मोटिवेटेड ने मुझसे अगले मेट्रो स्टेशन तक की लिफ्ट मांग ली। मैं हैरान रह गया।

वर्चुअल दुनिया में मोटिवेशन की बाढ़ आयी हुयी है। फेसबुक , व्हाट्सऐप , इंस्टाग्राम  सब मोटिवेशनल कोट्स से ठसे पड़े हैं। रोज़ कोई न कोई प्रचंड मोटिवेटेड दोस्त कोई ऐसा ही कोट शेयर या पोस्ट करता रहता है।

एक काली या नीली बैकग्राउंड में कोई सूट-घड़ी पहने क्रूर सी मुस्कान वाला हॉलीवुडअभिनेता बड़ी सी कार (या छोटे से जहाज ) के आगे खड़ा है।  नीचे लिखा हुआ है - "Kill them with success, bury them with a smile (उन्हें सफलता से मारिये और मुस्कान से दफना दीजिये )"

एक दहाड़ते शेर की तस्वीर है , किसी शिकार का गला चीरने को आतुर।  सूक्ति लिखी है अंग्रेजी में - "The world is a jungle. you either fight and dominate or hide and evaporate (संसार एक जंगल है।  आप या तो लड़कर शासन करिये या छुपकर ख़त्म हो जाइये "

सोशल मीडिया पर एक्टिव प्रचंड मोटिवेटेड युवक-युवतियां धड़ाधड़ ऐसी तस्वीरें शेयर करते जाते हैं। मज़े की बात यह है कि दूसरे के शेयर किये गए सन्देश नहीं पढ़ते जैसे शेर दूसरे का मारा शिकार नहीं खाता।  हमारे सभी प्रचंड मोटिवेटेड भाई 'शेर' हैं।
मुझे ऐसे संदेशों में कोई मोटिवेशन नहीं दिखता।  ऐसे विचार जिसमें उन सभी को मारने , दफनाने या दबाने की बात हो जो तुमसे या तुम्हारी  तरह जीवन जीने के तरीके से इत्तिफाक नहीं रखते हैं - ये मोटिवेशन क्योंकर है ? क्यों इसको तुम्हारी नकारात्मक महत्वाकांक्षा , असुरक्षा या असहिष्णुता न माना जाए ?

दरअसल मेरी समझ में ये सब असुरक्षा को गौरवान्वित करने के तरीके हैं। एक टिपिकल प्रचंड मोटिवेटेड अक्सर असुरक्षित जीवन जीता है ।  उसको पता होता है कि उसके साथ के बहुत से लोग उससे बेहतर हो गए  ( बेहतर का अर्थ सिर्फ आर्थिक सफलता को न माना जाए ) और वह किसी कारणवश वैसा होने से रह गया ।  हो सकता है की कुछ गुण उसके अंदर भी बेहतर हों पर असुरक्षा उसको अपने गुणों को नहीं देखने देती , वह अपनी मटमैली कमीज़ को दूसरे की कमीज़ से बेहतर दिखाने के लिए इस जहरीले मोटिवेशन रुपी डिटर्जेंट का सहारा लेता है , जो सस्ते इंटरनेट के युग में बहुतायात में मौजूद है। इन  कटूक्तियों से  (जिनको वह सूक्तियाँ समझता है)  वह उनकी उपेक्षा करता रहता है जिनसे उपेक्षित वह खुद को महसूस करता है। यह बहुत दयनीय स्थिति होती है लेकिन उस व्यक्ति को यह शराब के नशे है "हाई इफ़ेक्ट" देती है। दूसरों को जबरन छोटा दिखाकर यह अपनी और अपने जैसों की दुनिया में श्रेष्ठ महसूस करता है।
काश यह युवा औरों की बेइज़्ज़ती करे बिना अपनी उपलब्धियों पर गर्व महसूस करें तो उनको वास्तविक मोटिवेशन और हिम्मत महसूस हो।

मैं जब अपने उस प्रचंड मोटिवेटेड दोस्त को फुदकते हुए अपनी ओर आते देखता हूँ तो लगता है भयंकर दांत और पंजों वाला वह तस्वीर में बना हुआ शेर सजीव होकर मेरा गला चीरने के लिए आगे बढ़ रहा है।

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